Wednesday, May 21, 2008

संगीत की महिमा

जिंदगी एक संगीत है जैसे बहता पानी
संगीत जीवन की प्रेरणा कह गए ज्ञानी

जीवन के तम्बुरे पे प्रभु संगीत गा
इस जन्म में ऐश कर फीर प्रभु चरणों में जा

संगीत खबर करता है तेरी इस धरती पर आने की
संगीत ही बतलाता है तेरे प्रभु के पास जाने की

संगीत ही सुनाता हँ माँ की लोरियां
संगीत ही बताता है प्रेम में लिपटी गोरियाँ

संगीत ही बजाता है रण की भेरियाँ
जोश भी दिलाती है विजयनाद की भेरिया

रत्नाकर जैसे डाकू को संगीत का वरदान मिला
बन गया वाल्मिक ऋषि रामायण गान किया

जब शुकदेव निकल गए घर से तो वेद व्यास ने संगीत सुनाया
भागवत का संगीत सुन बेटा घर वापिस आया

जब तुम किसी को अपनी बात संगीत में सुनाओगे
तो साथिओं हलवा पूरी-आदर मान पाओगे

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