Monday, February 9, 2009

परिवार

परिवार से होती है पहिचान
परिवार से बढती है शान ॥

परिवार करता है होसले बुलंद
परिवार ही ख्याल रखता जब तू तंग॥

परिवार न होता तो महाभारत ना होती
परिवार ने बताई भरत के त्याग की चोटी॥

परिवार की महिमा देवताओं ने गयी
शिव परिवार के दर्शन बहुत शुभ होते हैं भाई॥

जब बाबा की गोद में पोता आता है
खेलता कूदता और घोड़ा बनाता है॥

उस समय बाबा की जीना हो जाता है सार्थक
अगर परिवार न हो तो सभी निरर्थक ॥

आप और हम भी एक परिवार ही तो है
जिस के राजा रानी हम और आप है॥


खूब समझाई है परिवार की महिमा....
लेकिन एक बात है आपने भी छुपाई ..
परिवार हीं है जो सीमित कर देता है इन्सान को..
नहीं लड़ पाता ज़माने के जुल्मों के खिलाफ ..
डरता है क्या होगा उसके बाद...
समझौते करवाता है परिवार..
फिर भी सबको भाता है परिवार...
सुखी रहे आपका परिवार


सुमन ..................................

दिलज़लों का हर जगह येही हाल होता है
परिवार के अंदर या बाहर उनका तो मुह लाल होता है

जो परिवार में रह नहीं सकते
वोह समाज में भी शायद खप नहीं सकते

हर सर्दी के बाद गर्मी आती है
हर रात के साथ दिन जुडा होता है॥

हर फूल के साथ कांटे होते है
हर अधिकार के साथ फर्ज भी अदा करने होते है

कुछ लोग सिर्फ अधिकार जानते हैं
जवाबदारी से मुह चुरा के भागते हैं

ऐसे लोग अपने माँ बाप को भी धत्ता बता देते हैं
मजे लेने के लिए पैदा किया कौनसा अहसान किया सुना देते है

हमने यूरोप भी देखा है
जहाँ परिवारों का टोटा है

उनका हाल भी हम जानते हैं
जाने कितने ओल्डएज होम उनकी छाती पे गडे हैं

इसलिए फिर कहता हूँ सुनो खोल के कान
रहना भाईओं के बीच चाहे जंगल हो या मकान

Thursday, February 5, 2009

नेता की महिमा

अफसर नेता दोनों खडे काके लागु पाए
बलिहारी नेता अपनों जो अफसर से सलाम कराए

नेता बैठा पेड़ पर रहा सबकी हरकत देख
चमचों पर करपा करे खागया, देश और खेत

अफसर गुंडे और नेता हैं आज के ब्रह्मा विष्णु महेश
पूरा देश कब्जे में इस त्रिमूर्ति के बाकी सब अवशेष

ब्रह्मा पूजे विष्णु को विष्णु पूजे महेश को महेश उसे दिल में धारे
ब्रह्मा सबका रचियेता सब एक पर दिखते सारे नियारे

इनकी लाली देखन मैं गया जित देखूं उत लाल
देखत देखत खा गये देश विदेश में गया माल

गिरगिट ने शिकायत करी क्यों करते मुझे बदनाम
रंग पलटने दल पलटने और आँख बदलने में यह मुझसे महान

रहिमन नेता की झोपडी होत बहुत विशाल
चमचे भी बना गये कार, दुकान महाल

नेता से डर कर रहियो कभी न निभावें प्रीत
सरकारी दामाद यह इनकी माल पचाने की रीत

पढ़ लिख कर तू कया करेगा बन जा किसी का चमचा
नेता बन, माल डकार, होगा तेरे पास रुतबा, नाम और पैसा

जीत गया तो मंत्री और हार गया तो निगमों का अध्यक्ष
पार्टी में रुतबा तेरा, थाने में शब्द तेरे, जनता को तू भक्ष

जेल गया तो कया हुआ कल अख़बार में देख
नेता बनने का रस्ता होत जात जेल के खेत