Thursday, August 30, 2018

मचलता दिल

दिल में मचलता समंदर
तूफान सा घुमड़ता मंजर

किसी से मुलाकात की आस
किसी की मासूमियत का एहसास

जरूर वोह ही होगा
जिसकी आस में बिछी हर सांस

झुकी झुकी आंखे
आमंत्रण देती खास।

वादा

ना भटका हूँ ना लोट कर जाऊंगा
प्यास तेरी नियति, शांत कर पाऊंगा।

आसमा की बदली सा
सावन की रिमझिम सा
धरती के गर्भ में नए फूल खिलाऊंगा।

मरुधरा में नखालिस्तान
हरा भरा चमन खिलाऊंगा

तेरा मेरा अस्तित्व होगा एक
तेरी प्यास, मेरी आस, जमाने की अरदास
पूरी कर जाऊंगा।

मैं तेरा साजन,
ना भटका हूँ ना लौट कर जाऊंगा।।

यौवन का प्रवाह

लहरें टकरा तोड़ गई पहाड़ों को
शीतल धारा जीवनदायनी हजारों को

तुम भी तो आकाश गंगा हो
शिवजटा में विचरती जीवन हो

आगे बढ़ो जीवन दायनी, मन भावना
मत रुको, पूरी करो, जन जन आकांशा

एक मशाल पूरे जमाने को रोशन करती है
खुद जलती हाथों में मचलती फना होती है।

बनो जीवन धारा या मशाल सी
जीवन की मिसाल नाकि कठोर पाषाण सी

तरासी जाओगी मोनालिसा वीनस राधा सी
पूजी जाओगी अपने नगमों तरानों से कोकिला सी।
ना भटका हूँ ना लोट कर जाऊंगा
प्यास तेरी नियति, शांत कर पाऊंगा।

आसमा की बदली सा
सावन की रिमझिम सा
धरती के गर्भ में नए फूल खिलाऊंगा।

मरुधरा में नखालिस्तान
हरा भरा चमन खिलाऊंगा

तेरा मेरा अस्तित्व होगा एक
तेरी प्यास, मेरी आस, जमाने की अरदास
पूरी कर जाऊंगा।

मैं तेरा साजन,
ना भटका हूँ ना लौट कर जाऊंगा।।