Friday, May 24, 2024

फूलों का राजा कमल


खिलते है कीचड़ में कमल, 

देखा मैने कमल तडाग

दूर दूर तक गुलाबी कमल

जो मुरझाते नही, 

चाहे गर्मी हो या सर्दी

सुखा या बारिश।

तैयार होते

चढ़ने को मां भारती के चरणों में।


जलते देखे

गंदे हाथ, झाड़ु आडू भाडू राडू 

कमल की बहार देख कर।

देश का विकास देख कर

मोदी का राज देख कर

फलक पर कमल चढ़ता देख कर।

आती हुई मोदी सरकार देख कर


चार जून को देखेंगे

गंदे हाथ, झाड़ु आडू भाडू राडू 

ठोकते अपना माथा

अपना हश्र देख कर

एक सत्य, एक भविष्य

" आएगा तो मोदी ही"

फिर इस बार 

कमल की बहार

एनडीए की सरकार

Wednesday, May 15, 2024

जीवन चलने का नाम


मैं जिंदगी के गीत सुनाता चला गया।

रास्ते के कितने ही पत्थर हटाता गया।


मंजिल दूर थी साथियों 

थकान, कमजोरी बाधाएं 

खड़ी मुंह बाए

सबको भुलाता चलता गया।।


चला था अकेला

हर मोड पर 

साथी मिलते गए

कारवां बनता गया


कटीले, ऊबड़ खाबड़, रेगिस्तान

पहाड़, नदी नाले, भूल भुलैया 

कपटी, ईर्षालू, टांग खींचने वाले

धत्ता बताता, पार करता चला गया


आज पीछे मुड़ देखता 

शुरुआती दौर

जो मैं, कभी नहीं भूलता

दिखता बहुत दूर 

क्षितिज समान,  

क्योंकि.......


मैं भाग्यशाली

अपनों का साथ

गुरुजनों और प्रभु का आशीर्वाद

मिलता चला गया।


आज इस मुकाम पर पहुंचा 

क्योंकि

हर पल, हर कामयाबी, हर परेशानी

प्रभु चरणों में अर्पण करता चला गया।।

डा श्रीकृष्ण मित्तल