Friday, April 26, 2024

हिचकी

 

जब भी हमे हिचकी आती है

हमे तुम्हारी भी याद आती है।


शायद तुम याद करते हो।

दिल के किसी कोने में

आज भी हमे रखते हो।


दुनिया के मेले में 

रोज के नए झंझट, झमेले में

यादें खो जाती हैं।


नए रिश्ते, नए दोस्त जो दिखते हैं

पुरानों पर धूल सी चढ़ जाती है।


यह हिचकी बड़ी जालिम है

जो बारंबार अपनों की

यानी तुम्हारी याद कराती है।

Wednesday, April 17, 2024

 विश्वास और चमत्कार


चिंता मत कर, चमत्कार होगा।  

 मोदी इस बार 400 पार होगा। 


कुछ ही दिनों में मथुरा काशी भोजशाला

 ही नही न जाने कितनो का उद्धार होगा।


 वरिष्ट जनों को आयुष्मान मिला

 गौवंश को अभयदान मिलेगा। 


तीन तलाक, धारा 370,35 भूत हुए GYAN (गरीब युवा,आदिवासी नारी)का ध्यान होगा।


स्वर्ग समान काश्मीर के टुकड़े एक होंगे

भारतमाता के भाल पर भी सूर्यभिषेक होगा


मोदी रुकेगा नहीं

विश्व की पांचवी अर्थव्यवस्था पाई

अब तीसरी का अनुसंधान होगा।


सोने की चिड़िया कभी कहलाता

भारत मोदी राज में हीरे की खान बनेगा


हम रहें न रहें, कर विश्वास मोदी पर

चमत्कार होगा, चमत्कार होगा।


2047 में भारत विशाल, विश्वगुरु 

शिक्षा, उद्योग, आध्यात्म का केंद्र बनेगा।

डा श्रीकृष्ण मित्तल 


Thursday, February 15, 2024

नगाड़ा बजाओ देश उठाओ


 बजा नगाड़ा  रे पगले, 

हिन्दूस्तानी सोया है ।

बता उसे विदेशी षड्यंत्र

 जिसका छाया खतरा है।। 


देश का इतिहास राजद्रोहियो से भरा

विभीषण जयचन्द जैसी मिसालों से सना।।


आओ जांचें कुछ पूर्व की घटनाओं को

देश की शर्मनाक गुलामी की सच्चाई को।।


मोहम्मद गजनवी को 17बार भगाया था।

18वींबार ऐक अपने ने सोमनाथ दिखाया था।।


पृथ्वीराज के आड़े जयचन्द ही आया था।

जिसके कारण गुलामी का बादल छाया था।।


मुगलों का इतिहास इन कायोरों से हरा भरा।

नहीं तो किस में शक्ति थी जी देता हमे हरा।।


वीर शिवाजी की शमशीरें,जयसिंह ने ही रोकी थीं ।

पृथ्वीराज की पीठ में बरछी,जयचंदों नें भोंकी थी ।।


हल्दीघाटी में बहा लहू,शर्मिंदा करता पानी को ।

राणा प्रताप सिर काट काट,करता था भेंट भवानी को।।


राणा रण में उन्मत्त हुआ,अकबर की ओर चला चढ़ के

तब मान सिंह आया बढ़ के के प्राण बचाने को ।।


इक राजपूत के कारण ही  तब वंश मुगलिया जिंदा था

इक हिन्दू की गद्दारी से  चित्तौड़ हुआ शर्मिंदा था ।।


जब रणभेरी थी दक्खिन में  और मृत्यु फिरे मतवाली सी

और वीर शिवा की तलवारें  भरती थीं खप्पर काली सी।।


किस म्लेच्छ में रहा जोर  जो छत्रपती को झुका पाया

ये जयसिंह का ही रहा द्रोह  जो वीर शिवा को पकड़ लाया।।


गैरों को हम क्योंकर कोसें,  अपने ही विष बोते हैं।

कुत्तों की गद्दारी से,  मृगराज पराजित होते हैं


बापू जी के मौन से हमने भगत सिंह को खोया है।।


आज पुन: देश काले बादलों से भरा है।

गजवा ए हिन्द का सामने खड़ा खतरा है।।


370, सी ऐ ऐ का बे दिमागी विरोध हो रहा

जिसका कोई अर्थ नहीं उसमें देश जल रहा।।


इनका विरोध हिन्दू विरोधी सत्ता लोलूप कर रहे।।

देश के पुन: विभाजन के सपने यह संजो रहे।।


हमे क्या पड़ी? अकेला मोदी लड़ रहा

अगर यह ढीला पड़ा तो देश तो गिर पड़ा।।


आज जरूरत उस नगाड़े की जो देश को उठा सके।

देश की अस्मिता, समृद्धि, को गजवा ए हिन्द से बचा सके।।

 

बजा नगाड़ा  रे पगले, हिन्दूस्तानी सोया है ।

बता उसे विदेशी षड्यंत्र जिसका खतरा है।।

Monday, February 12, 2024

लक्ष्य प्राप्ति

 लक्ष्य प्राप्ति


ना मै गिरा और 

ना मेरी उम्मीदो के मीनार गिरे 

पर कुछ लोग 

मुझे गिराने मे कई बार गिरे


कुछ ललचाने में

कुछ डराने में


कुछ भटकाने में

कुछ ऊपर पहुंचाने में

लोग रहे छिटकाने में

पर

मेरी नजर रही निशाने पे

मैं रुका नहीं

मैं झिझका नही

मेरा ध्यान भटका नही


वोह गौण हो गए

नजरों से ओझल रहे


मैं लक्ष्य पर पहुंच गया

कारवां गुजर गया

वोह गुबार देखते रहे।

Monday, February 5, 2024

जीवन का सार


जीवन का सार

मेरे तो जीवन का यही सार है। 

टकराया तुफानो से               

पहाड़ किये पार हैं।।                               


डरा नही शैतानो से,               

हारा नही मुसीबतों से,   

सीख ली नाकामयाबियों से,        

तकदीर लिखी अपने कर्मो से,

खुद, खुदा और खुदाई पर भरोसा,               

मित्रों से सर्वदा पाया प्यार है।।


कभी लगा शिखर आ गया

कभी निराशा के समुंदर में डूब गया

कभी अर्श पर

कभी फर्श पर

कभी जिंदगी की खुशी मनाते हुए

कभी पाया मौत के मुख में समाते हुए

कभी सफलता के जोश में

कभी असफल टूटा, गिरा 


लेकिन आत्म शक्ति और प्रभु पर भरोसा

हर दुख, गम को उड़ाता चला

जिंदगी को जीता, 

गमों में भी मुस्कुराता चला गया।

आज मुकाम यानी के एक सुखद पड़ाव


नही रुकूंगा 

नही डरूंगा

नही घबराऊंगा

नही इतराऊंगा

हर सफलता प्रभु अर्पण

हर हार को 

एक सबक की तरह अपनाऊंगा

मेरे तो जीवन का यही सार है। 

Saturday, January 27, 2024

बिहार का परिवर्तन 2024

 दे दी पटकनी लालू तेजस्वी, राहुल को 

तुने बिना खडग बिना ढाल। 

 पटना के रन बांकुरे तुमने कर दिया कमाल।। 

 कल तक नितीश- मोदी झेलते थे हमले बार बार। 

 राज में ना बिजली, ना रक्षा, जनता में हाहाकार ।। 


जयप्रकाश के पठे बिहार में जन्मे दो सितारे। 

 नितीश इस धरती के तारे।। 


 सामने थी बेकारी, अन्धकार, और सूखा बाढ़ गरीबी लाचारी । 

 साथ थी हिम्मत, हौसला, संगठन शक्ति और दयानतदारी ।। 


  पहीले अंधकार विरासत में मिला था । 

 सामने समश्याओं का लम्बा सिलसिला था।। 

 लड़ते लड़ते निकल गये सरदारों के सरदार । 

 हिम्मत ना हार के आगयी परिक्षा जनता के दरबार ।।


 परीक्षक केद्र सरकार के 2010 

फिर 2015 का सुशासन राज । 

 2024 में पुन: जनता के दरबार में आवाज़।। 


 कहीं राहुल कहीं लल्लू ।। 

 कुरुक्षेत्र सज चूका।

बिहार चुनाव धधक चूका।। 


 फिर इंडी महागठबंधन बन गया।


 ऐनडीए के सामने इंडी रावण सेना सा डट गया।। 

 ओबेस्सी जैसे देश तोड़क भी आ गए।

 कितने ही बिहार के स्वंभू मालिक बन गए।। 


 हमले होंगे, तीर चलेगै आरोप लगेगै। 

 अपने पराये हुए, दिल में खंजर से लगेगै।।

 जनता पर विश्वास ,कर्म पर भरोसा। 

 साथ कमल सा कोमल और तीर कठोर सा।। 

 साथ में विजय, सम्राट और मांझी के हम होंगे।। 

 पासवान ऊपर चले गए चिराग साथ आयेंगे।। 


 भिड़ गये बोल हर हर महादेव अल्लाह हो अकबर ।। 


 सामने तेजस्वी, लालू राउल, सोनिया। 

 ना जाने कितने एक से एक बढ़ कर। 


 काम जीतेगा, विश्वाश बढ़ जायेगा । 

 मोदी जी का जादू चल गया।

 डबल इंजन, डबल युवराज पर चढ़ गया। 


 सुशासन बाबू का तीर निशाने पर लग गया।।

 भाजपा का कमल, तीर कमान के संग 

पूरे बिहार में खिल गया।। 


 आओ करें सम्मान इस जीत का। 

 जो करेगी विकास 

बिहार का, बिहारी का।। 


 रन बाकुरो जीत को संभालना साथ निभाना।

 कमल खिला रहे, तीर पैना रहे । 

 जनता की आस को निभाना।। 


 प्रस्तुतकर्ता डा श्रीकृष्ण मित्तल


Sunday, January 14, 2024

सड़कें, खेतों से लम्बी हो गई ।

ड़कें,

खेतों से लम्बी हो गई ।

जिन्हें लौटना था साँझ ढले
वो बहुत दूर निकल चुके।।

दिन में घर से आती रोटी छाछ
सपना बन चुके।।

कितने ही जिन बैलों को
लोटना था, वो कट चुके।।

ट्रेक्टर अब आम हो गए
सड़कों पर दिख रहे।

किसान मजदूर बन गए,
खेत फार्म बन चुके।।

सड़क
अब दिलों में भी बन गई
संबंध करवट बदल रहे।।

परिवार टूट रहे
नित्य प्रति तलाक हो रहे
रोज पाँच मील
पगडंडी पर चलने वाले
आज ट्रेक्टर मे डीजल की
इंतजार मे

क्योंकि सड़क बन गई

डा श्रीकृष्ण मित्तल

Sunday, January 7, 2024

यारों दीपावली मनाओ

 रंगोली सजाओ यारों,मेरा यार आया है

बड़ा मनचला, रंगीला दिलदार आया है


यादों में उसके, सपने संजोए

न जाने क्यों मन घबराया है

दिल तो प्रियतम से मिलने को आतुर

मचलती नदी सा लहरता पाया है।


न जाने कितने अरमान

संजोए थे, इन आंखों में

कितनी ख्वाइश कितने सपने

छिपे हैं उसके लबों में

उसकी चितवन में झांकने 

का आज मौका पाया है।


फूल लगते थे शोला उसकी यादों में

दीपावली मनाओ, यारों, मेरा राम आया है

डा श्रीकृष्ण मित्तल