Monday, May 26, 2008

विश्वास की जीत

तूफानों में फंसी गयी दुनिया तो कया घबराना
तूफ़ान का तो काम ही है आना और जाना

तूफ़ान कई किस्मों के होते हैं कुछ दिखते कुछ छिपे होते हैं
कुछ उजाड़ जाते हैं बस्तियां हरी भरी फसलें तैरती किस्तियाँ
दिलों के तूफ़ान जीन्दगी भर का जख्म दे जाते हैं
तेरी लग्न के जज्बे हर मंजर पीछे छोड़ जाते हैं


इतहास गवाह है हर रात के बाद दिन निकलता है
हर तूफ़ान के गुजर जाने के बाद नया डेरा तू देता है
सिर्फ तेरे में विस्वास हो .......
कर्म का आगाज हो ..........
दिल में हिम्मत हो ...........
तरक्की का जज्बा हो ........
जीतने की तमन्ना हो ......
हर किसी का साथ हो ......
सिर पे तेरा हाथ हो ........

यकीं कर विस्वास कर ...........

कसम है इस भगवान की उसके जलवे और जलाल की
कि............
कोई तूफ़ान इस दो पाये के इंसानों को
मंजिल पाने को आगे बढ़ जाने को

....रोक नहीं सकता ....रोक नहीं सकता

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