Monday, April 26, 2021

हाय आम : वाह आम

आम तू तो आम हो गया। मैं तो यूं ही इसके इश्क में बदनाम हो गया। लंगड़ा सिर पर चढ़ा।सरोली तो मेहरोली गया। दुसहरी मिलता नही,पतला लम्बा, कहां गया? बेंगनपल्ली का क्या कहना। सिंदूरी तो शर्म में सिंदूर हो गया।। मालदा का आते आते मलीदा बन गया मलीहाबादी तो लखनऊ में खत्म हो चुका। तोता गिरी का क्या कहना आचार बन रसोई की शान बन गया।। बूढ़ा का प्यारा, बच्चों का दुलारा मेरा प्यारा, तेरा दुलारा आज आम हो गया। यह गुलाबपास, रत्नगिरि, अलफांसो फलों का राजा,विदेशों को निर्यात हो गया।