Monday, April 7, 2008

शीक्वा

कर खुदी को बुलंद इतना की खुदा
तेरे से खुद पूछे बता तेरी रजा क्या है.

जब खुदा पूछने आये ,उससमय शायद,
तुझे मेरी भी याद आ जाये
तू अपने लीये सारा जहाँ मांगे ,
मुझे कोई शीक्वा नहीं दोस्त,
परन्तु गीला तो जब होगा की ,
तू मेरी छोटी छोटी मुरादें भी भूल जाये

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