Saturday, April 12, 2008

दारू पीने के बाद के प्रवचन

तू तो मेरा भाई है…

यू know i ऍम not drunk ...

गाडी मैं चलाऊंगा ….....

देख यार क्या माल जा रहा है ......

तू बुरा मत मानना भाई…

मैं तेरी दील से इज्ज़त करता हु …

अबे बोल डाल आज उसको, आर या पार ....

आज साली चढ़ नहीं रही है कया बात है…

९ तू क्या समझ रहा है मुझे चढ़ गयी है…

१० ये मत समझ की मै पीके ै बोल रहा हू…

११ अबे यार कहीं कम तो नहीं पड़ेगी इतनी ...

१२ bro, एक लीटील लीटील और हो जाए …

१३ बाप को मत सीखा ...........

१४ यार मगर तुने मेरा दील तोड़ दिया...

१५ कुछ भी है पर साला - भाई है अपना…

१६ तू बोलना भाई, क्या चाहीये…जान चाहीये? हाजीर है ...

१७ अबे मेरे को आज तक नहीं चड़ी ...शर्त लगा साला आज तू .........

१८ चल तेरी बात करता हूँ उससे , फ़ोन नम्बर दे उसका...

1९ अरे यार छोड़ भी, उसकी ऐसी की तैसी कल तेरे को ख़ुद फोन करेगा ....

२० क्या बस इतना सा कल बैंक खुलते ही मंगा लीयो

२१ सुबेरे पहला काम यही तू मुझे बस याद करा दीयो....

22 यार आज उसकी बहुत याद आ रही है...............

23 मैं 95% नशे में हूँ, 5% होश में हूँ...

२४ यार मुझे जाररा घर तक उतर दीयो .....तेरी भाभी तेरे साथ देख कर कुछ नहीं बोलेगी.....

२५ आखीरी कतरा...... तेरे ग्लास में ...... हां हां हां में अबतो कल तू पीलायेगा .......

No comments: