तस्वीर तेरी इस दिल में जब से उतारी है ।
तू क्या जाने हमें मील गयी दुनिया सारी है ॥
इस भरी दुनिया में कोई भी हमारा न हुआ ।
तुने भी जालिम अपने आंसुओं को हमारी ही आंखों का सहारा दिया ॥
तू अपने आंसू हमारी आंखों से जरुर गिरा सकता है ।
लेकिन क्या तू अपने दिल से हमें भुला सकता है?
Monday, May 19, 2008
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