Wednesday, May 28, 2008

दोस्ती और शायरी

काम पड़ने पर तो मतलबी याद करते है
हम तो वोह शह है जो दिल पर राज करते हैं

हिचकियों की परवाह किसे होगी
हम तो तुम्हारी तस्वीर साथ रखते हैं

शायर का हर धर्म- इमान होता है
वोह तो खुदा की तरह दुनिया का निगेहबान होता है

दुनियादारी की बात शायरी नहीं व्यापर होता है
सूरमा या कायर का तमगा हर शायर को स्वीकार होता है

इबादत करोगे वरदान पाओगे
मुलाकात करोगे सौगात पाओगे

हिसाब यारी में किस बात का
तुम हमारे हो तो शक किस बात का

हर खामोशी का कोई हमराज होता है
तन्हाई में मिलने में भी कोई राज होता है

दोस्ती किसी भी चीज से तोली नहीं जाती
तुम्हारी कसम हमें हर दोस्त पे नाज़ रहता है

तुम यारों के चौधरी हो तो हम भी यारों के कन्हैया है
जब दिल ही दे दिया एक दूजे को तो सारे साजन और सैया हैं

3 comments:

Kavi Kulwant said...

अच्छा लगा आअप्के ब्लाग पर आकर

anju said...

bahut acche

vajra said...

hame bohat accha laga shayari padakar