Friday, May 30, 2008

जीवन और बुलबुला


पानी का बुलबुला सा जीवन
कुलाचे भरता है मन
बचपन से जवानी
आनी और जानी
बुलबुला देखने में सुंदर
मोटा ताजा दिलबर
फूटता है बुलबुला
निसान बाकी रहता नहीं तब
जीन्दगी और बुलबुले का फर्क
जीते जी नाम मरने के बाद अमर

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