Monday, September 1, 2008

संदेश

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* जीयो और जीने दो । *

* अहिंसा परमो धर्म: ॥ *
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दया करुणा रहम अहिंसा ।
क्षमा मानव-प्राणी प्रेम त्याग का संदेश ॥

गौतमबुद्द-महावीर-गांधी ।
ईसा अल्लाह नानक के नाम की आंधी ॥

हर पैगम्बर हर मजहब का यह एक फरमान ।
भूलगया आज इन्हें इंसान ॥

जाता मन्दिर मस्जिद चर्च गुरद्वारे और दिवान ।
दिल में नफरत इर्षा और धर्म का तूफ़ान ॥

सुमरिणी फेरत दिन गुजारे।
राम रहीम जिसस नानक को पुकारे ॥

पर्युषण पर मांगे क्षमा का दान ।
दिल में रखे लडाई का मैदान ॥

कैसा भ्रम पाला तुने हे हिन्दू सिख क्रिस्चन मुसलमान ।
तू समझे धर्म पर मिटना तेरी आन लड़ना तेरी शान ॥

पछता रहा उपरवाला बना के कलजुग का इंसान ।
अरे तुझे लड़ा रहे धर्म के ठेकेदार यह कलजुग के शैतान ॥

गौरी-गणेश पर्युषण पर्व और महिना पाक रमजान ।
आ आज प्रण करके करुणा अहिंषा का दे इन्हें सम्मान ॥

1 comment:

रज़िया "राज़" said...

कैसा भ्रम पाला तुने हे हिन्दू सिख क्रिस्चन मुसलमान ।
तू समझे धर्म पर मिटना तेरी आन लड़ना तेरी शान ॥
पछता रहा उपरवाला बना के कलजुग का इंसान ।
अरे तुझे लड़ा रहे धर्म के ठेकेदार यह कलजुग के शैतान ||
बहोत ख़ुब मित्तल साहब। बधाइ।