Thursday, September 11, 2008

तारों से फरमाईश

यह बेकरारी है,सबब ए इंतजारी चाँद के प्यारों जागतेरहों
हमारी जानेमन आज आ रही है सितारों जागते रहो ॥

वोह आयेनही ऐसी बदकिस्मती नहिहमारी तुम
jab tak ना आये प्यारी रातहैभारी तारों साथ में रहो ॥

चाँदसेप्यारी जान है हमारी तारों रश्क ना करो
फक्र हमे चाँद हार गया बाजी तुम गवाह तो हो ॥

जाग रहे पाने को राजदारी इस बदख्याल में न रहो
कल ढिंढोरा न पीटना हमारे राज का कसम तुम्हे हो ॥

वोह आये या ना आए जागेंगे रात सारी तुम हामी तो भरो
चाँद छिपगया शर्मसे बादलो की ओट में उनका इस्तकबाल करके
...........अब तुम्हारी बारी आगे बढो ॥

लाना उन्हें हमारे गरीबखाने पे तारों की छाओं में ऐसा करम करो
सीता की बेकरारी अशोकवन में तारी ऐसी ही कोई जुगत करो ॥

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