Monday, April 7, 2008

दोस्ती

फूलों सी नाजुक चीज है दोस्ती,
सुर्ख गुलाब की महक है
दोस्ती,
सदा हँसने हँसाने वाला पल है
दोस्ती,
दुखों के सागर में एक कश्ती है
दोस्ती,
काँटों के दामन में महकता फूल है
दोस्ती,
जीन्दगी भर साथ नीभाने वाला रीश्ता है
दोस्ती ,
रीश्तो की नाजुकता समझाती है
दोस्ती,
रीश्तो में वीश्वास दीलाती है
दोस्ती,
तन्हाई में सहारा है
दोस्ती,
मझधार में कीनारा है
दोस्ती,
जीन्दगी भर जीवन में महकती है
दोस्ती,
कीसी-कीसी के नसीब में आती है
दोस्ती,
हर खुशी हर गम का सहारा है
दोस्ती,
हर आँख में बसने वाला नजारा है
दोस्ती,
कमी है इस जमीं पर पूजने वालों की
वरना इस जमीं पर "भगवान " है दोस्ती

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