Monday, April 7, 2008
होश उड़ा दीय
.................
आप्की एक मुस्कराहट ने हमारे होश उड़ा दीये.
फीर फीर मुस्कुराउन्गा मैं तुम्हारे होश उडांवुगा
आप्की एक मुस्कराहट ने हमारे होश उड़ा दीये.
दोस्त जो बने हो, कुछ तो मूल्य चुकाओगे
हम होश में आने ही वाले थे.की आप फीर से मुस्कुरा दीये
तुम मुस्कुराते रहो, हम होश में आकर ही क्या करेंगे
चुपके चुपके तुम्हे देखेगे, यारी की कसम हम उफ़ नहीं करेंगे
तुम तो जालीम,जान ले लोगे, कीमत तो हम चुकायेंगे.
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment