'राधे' तेरी चरणों की कहीं धुल जो मील जाए,
सच कहता हूँ मेरी तकदीर बदल जाय ॥
'राधे' कहते हैं तेरी रहमत दीन रात बरसती है,
इक बूंद जो मील जाए, मेरे दील की कली खील जाये ॥
'राधे', यह मन बड़ा चंचल, कैसे तेरा भजन करूं,
जीतना इसे समझाऊं, उतना ही मचल जाए ॥
'राधे', मेरे जीवन की बस एक तम्मना है,
तू सामने हो मेरे, मेरा दम ही नीकल जाये ॥
राधे तू बड भागीनी, कौन तपस्या कीन,
तीन लोक चोधाह भुवन सब तेरे आधीन ॥
Monday, April 7, 2008
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