मानवता का दुर्भाग्य जभी होता है ।
जब शरीफ आँख बंद करके सोता है ।।
हर युग में यही सामने आया है ।
देवताओं के वरदान ने दानवों को सीर पे चढाया है ॥
या तो आयाशी या तो गुलामी, या तो डरना या तो बदगुमानी ।
शराफत और शरीफ की यही है कहानी ॥
सीकंदर को आम्भी।मोहम्मद को, जैचंद मीला था ।
पौरस और चौहान ठगा सा खडा था ॥
शरीफ कभी हमला नहीं करता ।
मुसकील तो है की वोह मुकाबला भी नहीं करता ॥
लहू लुहान नज़रों का जीक्र भी जब आता है ।
शरीफ हाथ जोड़ दूर जाकर बैठ जाता है ॥
पडोसी मुल्क में यह कहानी रोज दौराही जा रही है ।
जज अन्दर और बदमाशों की आरती उतारी जा रही है ॥
बदमाशी इतरा रही और शराफत शर्मा रही है ....................................................
Friday, April 11, 2008
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2 comments:
मानवता का दुर्भाग्य जभी होता है ।
जब शरीफ आँख बंद करके सोता है ।।
खरी बात कही है,
और शराफत को जगाने के लिए यह ज़रूरी है......
मानवता का दुर्भाग्य जभी होता है ।
जब शरीफ आँख बंद करके सोता है ।।
बहुत सुंदर
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