Friday, April 9, 2010

कर्म का मर्म

जैसा करेगा
वैसा भरेगा
सोएगा तो खोएगा
जागेगा तो पायेगा
कर्म करेगा फल पायेगा
प्यार करेगा प्यार ही पायेगा
दुनिया छोटी हो गयी
हिम्मत कर पार उतर जायेगा
कल करने को टालेगा
फ़िर कैसे पा लेगा
साथ में तेरे बहुत कुछ आया था
जाते बहुत साथ बांधेगा
यह मानव जनम भाग्य से पाया
प्रभु भजन परोपकार से इसे सफल बना लेगा

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