Sunday, April 4, 2010

कब करेंगे प्यार


जिन्दगी उसकी जिसका यार
आज नहीं तो कब करेंगे प्यार
जैसे आज नगद कल उधर
प्यार के बिना जिन्दगी बैकार


बिल्कुल ठीक कहा मेरे यार
मारवाडी हम, देते नकद, करते नही उधार
बाहर झांक के देखा तो बिक रहा था प्यार
हम भी आज करेंगे तुमसे प्यार का इकरार
क्योंकी हम प्यार के मसयिया जीन्दगी भर बांटते प्यार

तमाम उम्र गुज़ारी फकीरी में कि खुदा मिलेगा,
जब मिला खुदा तो पूछते हैं कि तू शै क्या है.

फ़साना`ए जीन्दगी येही तो करता है
खुदा सामने तो मासुक की इबादत करता है
फकीरी मुयस्सर हुयी थी किसी की तड़प और duri me
जब मुलाकात हो गयी जान ए तमन्ना से
तो खुदा से उसका नाम पूछता है


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