Sunday, July 13, 2008

छोरा गंगा किनारे वाला

बांकी चितवन आँखे नशे का प्याला
सुप्रभात बोल चहक रहा

मीठी वाणी बोल रहा
दिल के अन्दर डोल रहा

जनबल धनबल बहुबल तोल रहा
लोकतंत्र की बातें बोल रहा

सूरज की तरह प्रखर
भविष्य उसका उज्जवल
पहली किरण की तरह निर्मल

ऐसे दोस्त को आदाब नमस्ते और सलाम
आज रविवार करो आराम

1 comment:

seema gupta said...

बांकी चितवन आँखे नशे का प्याला
सुप्रभात बोल चहक रहा

Bhut sunder achee lgee