Sunday, June 1, 2008

थमी जिन्दगी

रमता जोगी बहता पानी स्वीकार है
रुक गयी जीन्दगी का ये कोई प्रकार है ॥

जरुर कुछ कमी है तुम में
या किस्मत रूठ गयी है तुम में ॥

नहीं तो .....................
बाल बच्चा,
बीबी जच्चा
ताऊ बाबा
बापू - बच्चा
यार -दुश्मन
प्यार- नशेमन
मालिक -नौकर,
अल्लाह- ठाकर ॥

सारे के सारों को तुम में क्या बू आ रही है
या तुम्हारे करमो की गती सामने आ रही है ॥

1 comment:

हकीम जी said...

मैं हतप्रभ....कौन वह दिखाई जो देता, पर
नहीं जाना जाता है