Sunday, July 22, 2018

अँधा इश्क

इश्क तो अंधा था जो तुम्हे मैं मिल गया।
ढूंढा सातो जहां में 

खुली आँखों से ,
आंख बंद की तो 
बगल में पा गया
स्वाति की एक बूंद जो मिली
मोती सा सनम पा गया

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