Monday, March 29, 2010

भविष्य स्वप्न

भविष्य स्वप्न भूत मार्गदर्शक वर्तमान वास्तविकता
जो भूत में विचरता वोह इंसान स्वप्नों में जीता

आत्मविश्वास की कमी याने भविष्य की क्षति
प्रभु में विश्वाश भूत की हार की याद सफलता को चुनती

मनुष्य भगवान तो नही यहाँ तो उसे भी दायरों में जीना पड़ा
शंघर्ष उसने किया आपदाओं को जीता और भगवान् बना

संघर्ष तेरी नियति संघर्ष कर संघर्ष कर कामयाबी सामने खड़ी
तू पस्त हुआ, संघर्ष से मुह मोड़ा, फीर तेरी किस को पड़ी

No comments: