Thursday, October 9, 2008

विजयदशमी पर्व का महत्व

विजयादशमी का पावन पर्व हमे कुछ याद कराता है ।
दशमुख के दहन की याद कराता है ॥

हम सदियों से जन्म मरण दिवस मनाते आए हैं ।
इस ही रूप में श्रधा के पुष्प चढाते आए हैं ॥

हरवर्ष ईद क्रिश्मस मनती है,गुरुनानक जयंती आती है ।
गाँधीजयंती ,बालदिवस और आधीअधूरी आजादी भी मनाई जाती है ॥

हर बच्चा अपनी वर्षगाँठ मनाता है।
हर जोडा शादी की सालगिरह पर बीबी के नाज़ उठाता है॥

आज देश में देशद्रोही मक्कारों की वर्षगांठ मनाई जाती है।
चारण चाटुकारों द्वारा उनकी झूटी महिमा सुनाई जाती है ॥

कल तक जो गबन के आरोपों में घिरे रहा करते थे ।
वोह आज देश के नेता और जनता खडी है सकते में ॥

आज अगर गांधी भी इस भारत में वापिस आ जायें ।
देख इटेलियन गांधियों को शायद वोह भी शरमा जाये ॥

त्रेतायुग ने दशानन के दस मुख दिखाए थे।
लालच, इर्षा, घमंड, द्वेष, परनारी आदि के पाप गिनाये थे ॥

रावण तो महाज्ञानी, पराक्रमी वेदपाठी, पोलत्सय था ।
इन्द्र यम कुबेर अग्नि वरुण विजेता तेजस्वी था ॥

आज कलयुग में भी रावण हैं।
जिस गली में चले जाओ एक दो नही बावन हैं॥

विजयदसमी की कल ही नही आज भी जरुरत है।
दसमुख से क्या होगा आज तो सौ की जरूरत है॥

आज (जनता) सीता (नेता) रावन की लंका में कैद हो गयी।
हनुमान दलाल बन गये सीता नीलाम हो गयी॥

विजय दसमी का पर्व नया संदेश लाता है।
दसमुख हों या सौमुख हों उनसे लड़ने को जगाता है ॥

एक दिन तो हर बच्चा राम बनना चाहता है।
आतंक, द्वेष, लालच,
देशद्रोह, मक्कारी, महंगाई,
गरीबी, बीमारी,छल कपट,
झूट, बेईमानी, लम्पटता
को जलाना चाहता है ॥

इस ही लिए यह पावन पर्व आता है।
राम नाम, राम राज्य, राम चरित्र की याद दिलाता है ॥

आओ हम भी यह विजय पर्व मनाये।
दसानन दहन का विशाल आयोजन करवाएं ॥

सीता को आजाद कराने की
दशानन को मार गिराने की
दलालों को भगाने की
विभिष्नो को दूर हटाने की
कीगरीबी, भुखमरी, बेकारी,
बदसलूकी, गद्दारी,चोरबाजारी,
आतंक, लालच, छलकपट, मक्कारी
दसमुखों को दहन करने की शपथ खाएं ।।

1 comment:

PRAMOD GUPTA said...

विजयदशमी का संदेश..अद्भुत . एवम् समायिक
The message of VIJAYADASHMI (The Grand Festival of India) ..” Rama through
his acts tells ..THE EVIL How
much powerful (mightier) it may seem ..ultimately falls, if the masses( read ‘Goodness’) ‘how-so-small’ and ‘inapt’ they may look
like..albeit… Determined to challenge and face the Ravana ( the mightier evil,despite ... his intelligence) ..The
Rama (“MARYADA’..the positiveness).shall always WIN..!"