Wednesday, October 16, 2024

टकला

 ना मैं टकला ना तू पूरा टकला

फिर क्यों बजा रहा यह तबला


टकलों की दुनिया न्यारी

इनका टकला बालों पर पड़ता भारी 


झंझट इन्हें नहीं बालों का

सर में जूं, खुश्की, और कंघे का


प्रेमिका को मिलता जो टकला

नहीं ढूंढती बजाने को तबला


लड़ाई में तो हो जाता कमाल

जब रकीब के हाथ में नहीं आते बाल


सफेद, सुनहरे काले बाल

जिनकी टकले नहीं करते सम्भाल।


नाई सेलून की इन्हें क्या परवाह

क्योंकि उगते ही नहीं टकले सिर पर बाल

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