ना मैं टकला ना तू पूरा टकला
फिर क्यों बजा रहा यह तबला
टकलों की दुनिया न्यारी
इनका टकला बालों पर पड़ता भारी
झंझट इन्हें नहीं बालों का
सर में जूं, खुश्की, और कंघे का
प्रेमिका को मिलता जो टकला
नहीं ढूंढती बजाने को तबला
लड़ाई में तो हो जाता कमाल
जब रकीब के हाथ में नहीं आते बाल
सफेद, सुनहरे काले बाल
जिनकी टकले नहीं करते सम्भाल।
नाई सेलून की इन्हें क्या परवाह
क्योंकि उगते ही नहीं टकले सिर पर बाल
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