पत्थर समजकर आज जो ठोकर लगा गए
समजकर कल वो शायद सर जुकायेगे।।
यह गलतफहमी क्यों हो गयी
की वोह सिर को झुकायेंगे ।
जो माँ बाप को पूछते नहीं
पत्थर कहाँ पूजने जायेंगे ।
ठोकर में पत्थर आया..................
कोई बात नहीं........
इंट ३ रूपये की आती है
नाली में पत्थर लगा कर पैसा बचाएंगे ॥
Tuesday, April 7, 2009
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2 comments:
आज़ादी की 62वीं सालगिरह की हार्दिक शुभकामनाएं। इस सुअवसर पर मेरे ब्लोग की प्रथम वर्षगांठ है। आप लोगों के प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष मिले सहयोग एवं प्रोत्साहन के लिए मैं आपकी आभारी हूं। प्रथम वर्षगांठ पर मेरे ब्लोग पर पधार मुझे कृतार्थ करें। शुभ कामनाओं के साथ-
रचना गौड़ ‘भारती’
ram navmi ke shubh avsar pr hardik badhayi aur kamna aur prarthna ki aap ki din dun raat chaugini lekhani vrudhi ho aur chamtkaar dikhati rhe
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