मिटता नहीं दिल का अँधेरा कभी उजालो से.......
बदलती नहीं दुनिया कभी ख्यालों से.......
क्या मिला है तुमको इस जिन्दगी से,
पूछना कभी अपने उलझे हुये सवालों से
चाँद जैसे तुम दिल में,
तो अँधेरा कहाँ ख्यालों में
इबादत तो जमी पे खुदा
पूछते हो ..............
क्या मिला है हमको इस जिन्दगी से,
पूछना कभी उलझे हुये सवालों से.......
सोचा और जवाब आया................
हम किस लायक, औकात से ज्यादा दिए रब,
हम नाशुक्रे, एहशान फरामोश, उसे ही भूल गए
सब कुछ दिया दुनिया बनाने वाले ने सब को
लालच और हवस में उसके
कारनामे बेमाने हो गए
Monday, June 23, 2008
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1 comment:
sundar rachana ke liye badhai ho. likhate rhe.
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