Wednesday, June 11, 2008

पिता को श्रधान्जली

बापू को नमन 

पिता के रूप में राष्ट्रपिता का स्मरण करता हूँ आजादी की सांस ले रहा हूँ नमन करता हूँ 
 
  हे युग पुरुष अगर तुम आज होते
हम एक दुसरे के कांधे पर सिर रख रो रहे होते

क्या आजादी का परचम इस लिए लहराया था
देश में काले अंग्रेजो का शासन,क्या तुमने चाहा था? 

तुझे आज अफ्रीका भी नमन करता है 
वंशवाद रंगभेद छोड़ वोह लोकतंत्र में विचरता है 

 नमन करता हूँ तेरी गोलमेज सम्मेलन की तस्वीर को नीलों से संग्राम और जेल की तदबीर को 
 
चौरीचौरा पे तेने अहिंषा का सन्देश दिया 
तेरी हिम्मत थी जो तुने आन्दोलन वापिस लिया 
  
हे राम के तेरे शब्द आज भी गूंजते कान में 
कोन याद करता गोडसे, स्वर्ग से क्षमादान दे 
  
सत्य अहिंषा बकरी चरखा तेरे निसान थे 
पूरे देश के भ्रमण ने दिए तुझे अनुमान थे 
  
तिलक गोखले पटेल नहरू ने तुझे सरहाया था
अंग्रेजों को तेरे असहयोग आन्दोलन ने थर्राया था 

 प्यारे बापू - देख तेरे चेले तुझे भूल गए 
खादी भूली चरखा भुला 
गाय बैल बछड़ा भूल गए 
  
जाति नस्ल आतंक का
 बवंडर छा गया है 
देश कर्जदार हो गया 
किसान आत्महत्या कर रहा है 
  
हे बापू आज पितृदिवस पर हम 
तुम्हे नमन करते है 
हे बापुओं के बापू 
 तेरे आशीर्वाद की कामना रखते है

2 comments:

समयचक्र said...

हम नमन करते है ।
आज फिर तेरे आशीर्वाद की कामना रखते है

हकीम जी said...

मेरे हृदय की धक्-धक्
पूछती है--वह कौन
सुनाई जो देता, पर नहीं देता दिखाई