नमो -नमो पत्नी महारानी ,
तुम्हारी महिमा कोई न जानी ।।
हमने समझा तुम अबला हो,
पर तुमतो सबसे बड़ी बला हो।।
हे देवी तुम पुरी मैं अधुरा तुम तो वंशपुर्णा हो
तुम्ही रात तुम्ही दिन तुम्ही अन्नपुर्णा हो ॥
डोली में बैठ तुम अर्धांगिनी आई थी
जैसे बला रेशम में लिपट दिल पे छाई थी ॥
जबसे तुम मेरे घर आई हो
दोस्त छूटे भाई फूटे तुम भी बनी हरजाई हो ॥
जिस दिन हाथ में बेलन आवे
उस दिन पत्नी खुब चिल्लावे ॥
सारे बेड पे पत्नी सोवे ,
पति बैठ फर्श पर रोवे ।।
जय जय पत्नी गाथा
बाप ने पढ़ी बेटा गाता ॥
कभी पति को मोका आता
चरण दबाने का पुन्य भी मिल जाता ॥
पति थका जब घर जब आता
देख तुम्हे कमल सा खिल जाता ॥
फिर जब तुम शुरू हो जाती
आस पड़ोस सास ननद सब सुनाती ॥
पहली तारीख हर महीने आवे
पति की पूजा पत्नी कर जावे ॥
वेतन पे अधिकार तुम्हारा
पुरे माह पति भिकारी और बेचारा ॥
उसके सास ससुर की सेवा खुब करे तू
अपने सास ससुर को भूल जाये तू ॥
तुमसे ही घर मथुरा काशी ,
और तुमशे घर सत्यानाशी ।।
पत्नी महिमा जो नर गावे ,
सब सुख छोड़ परम दुःख पावे॥
हाथ जोड़ सर झुका करता मई तुम्हे नमन
कृपा करना, क्षमा करना, पालना सातों वचन ॥
फल प्राप्ति ..................
पत्नी के नाम में बड़े गुण सुनलो धर के ध्यान
जो ध्यावे घर शांती सुख पावे पुरे होत अरमान ॥
Saturday, June 21, 2008
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1 comment:
wonderful,
"no life without wife" ko sarthak kr rhee hai aapke ye rachna, acchee lgee.
Regards
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