Monday, May 25, 2020

यदि PM पप्पू सा होता




मादक दवाई का सेवन करता
अमरीका से छुड़ा कर लाना पड़ता  
रंगरलियों का दास 50 बरस का
कुंवारा ऐक जोकर सा....
यदि PM पप्पू सा होता..... 

संसद में कागज फाड़े।
 मतवाली आंखे मारे।     
देवपुरुष को जफ्फी मारे।
चौकीदार को चोर कह डारे।               
 सुप्रीम कोर्ट में माफी डाले

ऐसे महान पप्पू की सुन सुन
दुनिया लज्जित होई।
इनकी बराबरी का जोकर
ढूंढे मिलता नहीं कोई।

इनकी कुछ दूरदर्शी सोच........

 विश्वपटल पर नाक रगड़ते,
फ़ैला हुआ दामन होता ।
आलू से सोना उपजाता,
आंकड़ा पीचत्तीस का होता ॥
फ़िर धीर वीर से भरी धरा का,
हाल जोकरों सा होता।
यदि PM पप्पू सा होता

दुनिया को शून्य दिया,
वही भारतवर्ष लज्जित होता ।
जब बात हिसाब की होती तो,
ढाई हज़ार पाँच सौ को रोता।
ज्ञानियों की पावन भूमि का ।
हर दिन उपहास उड़ाते सब,
भूल से भी मेरे भारत का
यदि PM पप्पू सा होता 
JNU में संसद चलती,
AMU राज्यसभा होता ।
टुकड़े-टुकड़े गैंगों के लिए,
एक अलग से मंत्रालय होता॥
जहाँ देश विरोधी नीतियों का,
नित सृजन और अमल भी होता ।
भूल से भी मेरे भारत का ........
यदि PM पप्पू सा होता

कश्मीर से कन्याकुमारी तक का,
खाका नया खिंचा होता ।
गद्दारों की इस टोली का, 
सरदार भी सरकारी होता॥
जहाँ मुस्लिम तुष्टीकरण हँसता,
ईसाई धर्मांतरण हर कोने में पता।
कात्रची एंडरसन मामा देश लूटते
भूल से भी मेरे भारत का.........
यदि PM पप्पू सा होता

सलाहकार शरजील,
प्रचारक छात्र कन्हैया सा होता।
एक और विभाजन भारत का,
यही लक्ष्य गद्दारों का होता॥
भाईचारे का पहन के चोला,
क़त्ल संविधान का होता ।
भूल से भी मेरे भारत का.........

ताहिर हुसैन सा हत्यारा,
सरकार का अति प्यारा होता ।
दिल्ली दंगे में शामिल हर,
दंगाई भी न्यारा होता॥
फ्रीडम फाइटर कहलाता वो,
जो तनिक चुटैल हुआ होता ।
भूल से भी मेरे भारत का.........

अब बात करें कोरोना की, 
घोटाले का माध्यम होता ।
जहाँ जमाखोरी जमकर होती,
मास्क दौलत बरसाता होता ॥
उपकरणों की खरीद होती,
घोटालों का मंज़र होता ।
भूल से भी मेरे भारत का.........
जनता को राहत सामग्री,
एक ज़रिया कमाई का होता।
CWG घोटाले का, 
अवतार अवतरित यूँ  होता॥
तब भोजन के प्रति पैकेट का,
टैरिफ भी खासमखास होता।
भूल से भी मेरे भारत का.........
यदि PM पप्पू सा होता

पौ बारह होती बहना की,
ट्रेडिंग जीजा करता होता।
अंजामों से बेपरवाह PM,
कुत्तों से खेल रहा होता ॥
मंत्री संतरी होते प्रसन्न,
उत्सव सा उनके घर होता।
भूल से भी मेरे भारत का.........
यदि PM पप्पू सा होता

हावी हो जाती महामारी
तो पप्पू नानी घर होता ।
दीदी जीजा के घर रहती,
मम्मी का विदेश दौरा होता॥
ख़ुद ही लड़ता ख़ुद ही मरता,
ये देश अनाथों सा होता । 
भूल से भी मेरे भारत का.........
यदि PM पप्पू सा होता

कहर कोरोना का घर घर,
जमकर कर रहा होता तांडव।
हर भारतवासी कोरोना से
ख़ुद ही जूझ रहा होता ॥
चित्कार रही होती जनता,
घर घर कोहराम मचा होता॥ 
भूल से भी मेरे भारत का.
यदि PM पप्पू सा होता........

भूल से भी मेरे भारत का
यदि PM पप्पू सा  होता॥
.....वन्दे रोम मातरम ॥




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