Monday, October 26, 2015

जलजला - ए - हिन्दुकुश

हिन्दुकुश हिल गया |
धरती का दिल छिल गया |

अफगानिस्तान, पाकिस्तान, 
उत्तरी हिन्दुस्तान डोल गया ||

काश्मीर का पुल और कितनी ही कारें टूट गयी |
दिल्ली की मेट्रो रूक गयी ||


मोबाईल बंद हो गये 

कितनी देर तक साँसे रूक गयी ||

एक झटका ही काफी होता लेकिन कितने ही आ गये |
अभी सब्र मत करो शायद कितने ही रह गये ||


अब सबको राहत पहचानी है |
दोस्ती की कीमत भी बतानी है |
लोगो को ढाढस ही नही जान भी बचानी है ||


मोदी जी ने घोषणा की |
जहां से भी पुकार आई
चाहे अफगानिस्तान हो चाहे पकिस्तान............. 
जहाँ से भी गुहार आई ||


हम तैयार है - |

राहत पहुचानी है ||

भूकंप पिडित साथियों मत घबराना |
पूरा हिन्दुस्तान साथ है मिलकर करेंगे सामना||

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