Tuesday, October 7, 2008

हमारी कामना

खुश रहो
आबाद रहो

चैन से जीयो
सालों नाबाद रहो

हर सुबह नया सूरज देखो
हर रात नया चाँद ताको

हर पल को जीयो
यादों को दिल से ना बांधो

हर रात में दिन
हर गम में ख़ुशी

हर मा में ममता
हर माशूक में अदा

हर मन्दिर में बुत
हर काबे में खुदा

मिलता है चाहने वाले को
उठा नजर मिला जिगर

भूल जा गम
मना दीवाली रोज हर दम

हर दिन खुशनुमा होगा
हमे याद कर प्रेरणा ले रहा होगा