Monday, October 13, 2008

यु आर वैरी ग्रेट

तुसी सानु ग्रेट कहंदे हो
ग्रेटदा मतलब भी समझदे हो ॥

अस्सी त्वानू एक असली वाकया सुनांदे ने
तुवाणु ग्रेट दे अंदर दा मतलब समझान्दे ने ॥

इक यारनु भाभी जी तुस्सी बडे ग्रेट हो कहंदी आदतसी
सानु सुनके लगदी सी दिल ते छुरे घोपन सी ॥

अस्सी एक दिन पूछ बैठे
राज ओउद्दी गल दा खोल बैठे ॥

अस्सी पुछिया ओये सालेया सिर्फ भाभिआं ही क्यों ग्रेट होंदी हैं
अस्सी कया सोने नहीं या भाभिआं की ज्यादा दुद्द देंदी हैं ॥

सुन के अस्सी हैरान हुए,
उस कुत्ते दी गल ते हंस के लोटपोट हुए ॥

उसने अपने बचपन दा ईक वाकया सुनाया
सच्च था बचपन में उसे डकैतों ने था उठाया ॥

यारा जो हालात उन्होंने मेरी दो दिना में बनादेयी सी
वोह तो इन् भाभियाँ नु रोज सहना पडदा ही।।

इसही लिए इनाणु मैं भाभी जी यु आर वैरी ग्रेट कहंदा हूँ
मैं भी उसदिनतो जो ग्रेट कहंदा उनु भाभी वल समझदाहूँ ॥

कैसी लगी मेरे ग्रेट दोस्त को यह कहानी
अर्थ समझा या फोन कर पूछ ले जानी ॥

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