हम अभी जवान है और मरने से डरते हैं
हम अभी जीना चाहते हैं क्यों की तुम पर मरते हैं
तुमसे मिलने को बहाने किसे चाहिए
हम तो तुम्हारी तस्वीर दिल में छुपा के रखते हैं
तुम कबूल करो या ना करो दुनिया को खबर है की
तुम और हम एक दूजे पर जाँ छिडकते हैं
आसमा है रकीब इश्क का
इसही लिए तो तुम हम कमरे में बंद रहते हैं
तुम हंसो हम देखें, हम हसें तुम देखो
येही इसरार खुदा से हम करते हैं
जख्म कोन जालिम भरना चाहता है
हम तो तुम्हारे दिए घाव इश्क की नियामत समझते हैं
Monday, October 20, 2008
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