भाषा का ज्ञान , भाषा का मान
देश धर्म की पहली पहिचान
समर्द्ध, सम्पन्न, हिंद का सम्मान
आज अंग्रेजी के समक्ष हतमान
क्या जापान कम उन्नत है?
क्या रूस के स्पुतनिक चाँद पर नहीं पहुँचते?
गुलामी तो चीन ने भी झेली थी
हमलावरों की ताकत क्या हमने अकेले देखी थी
लेकिन हर मुल्क में नेहरु गांधी ना हुए
यानी अंग्रेजी को लादने को साथी ना हुए
इसलिए चीन, जापान, रूस, मंगोलिस्तान
जर्मनी हो या फ्राँस अपनी भाषा का मान रखते हैं
दूसरी से परहेज नहीं पर अपनी को ऊपर रखते हैं
संविधान के बताये वर्ष तो कभी के बीत गये
अटल के हिंदी शब्द रास्ट्रसंघ में गूंज गये
हमे भी आज सोचना होगा