सफर में राहगीर मिलते बिछुड़ जाते है।
कुछ अपने बहूत करीबी भी बन जाते हैं।।
जो चलती सात कदम साथ वोह ता उम्र साथ निभाती है।
सयानी हो या बावली दिल को भाती, दूध में शक्कर सी मिल जाती है।।
प्याज के छिलके उतारो तो क्या कुछ मिलता है?
दोस्त को ऐबो के साथ स्वीकारो तो दोस्त मिलता है।|
दुनिया का फलसफा यही
कोई मूर्ति प्रभु ने सम्पूर्ण बनाई नही?
गोपाल जेल में जन्मे राम को बनवास हुआ।
राजा के पूत गौतम को तजने पर ही ज्ञान प्राप्त हुआ।।
हम क्या, हमारी हस्ती क्या,
मंदिर क्या, मयखाना क्या
बिना हमदम के यह दुनिया इस
कायनात का वजूद क्या यहां।।
कुछ अपने बहूत करीबी भी बन जाते हैं।।
जो चलती सात कदम साथ वोह ता उम्र साथ निभाती है।
सयानी हो या बावली दिल को भाती, दूध में शक्कर सी मिल जाती है।।
प्याज के छिलके उतारो तो क्या कुछ मिलता है?
दोस्त को ऐबो के साथ स्वीकारो तो दोस्त मिलता है।|
दुनिया का फलसफा यही
कोई मूर्ति प्रभु ने सम्पूर्ण बनाई नही?
गोपाल जेल में जन्मे राम को बनवास हुआ।
राजा के पूत गौतम को तजने पर ही ज्ञान प्राप्त हुआ।।
हम क्या, हमारी हस्ती क्या,
मंदिर क्या, मयखाना क्या
बिना हमदम के यह दुनिया इस
कायनात का वजूद क्या यहां।।
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