इश्क के दामन में फूल भी कांटे भी
सनम के होटों पर दस्तखत भी और खुशनुमा रातें भी||
जुदाई के क्षण कांटो की तरह सालते
सनम को याद करते तारे गिनते रातें गुजारते ||
उनकी खबर पाने की बेचेनी
धड़कने तेज और आँखों में सनसनी ||
मिलें तो गर्म साँसे बिछडे तो भुलाने का ख़तरा
यह फलसफा ताजिन्दगी चलता रहा ||
कभी ख़ुशी कभी गम
जैसे सावन और पतझड़ का मौसम||
जेहन में एक विस्वास
सात जन्म भी ना छूटेगा साथ ||
हम न कर्जदार ना साहूकार
दिल के सौदागर करते ऐतबार ||
इस जन्म में नही तो क्या हुआ
अगला जन्म भी तो आसमान से उतरता हुआ ||
भरोसे पर दुनिया कायम
वाशिंदे इस ही जहां के हम ||
वादा ...................सनम ...................
हमारे इश्क ने तेरी बही पर दस्तखत करे
हम नही बेवफा भलही आफत के भरे ||
यह जिन्दगी भी तेरी आनेवाली नही तेरी
कर खुदा से अरदास हम पूरी करें मन्नत तेरी ||
.................................डॉ श्रीकृष्ण मित्तल
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