चांद में दाग है
हर कामनी को नजर लगाता है।
पर्दा उठते ही वोह
पर्दा उठते ही वोह
जलके राख हो जाता है।
ढक लो ,
ढक लो ,
मत देखो आयना,
झांको चिलमन की ओट से,
ना जाने कितनों को गश आता है।
एक हम ही हैं
एक हम ही हैं
जो सम्भाल सकते
तुम्हारा जलाल,
हमे दीदार कराने में
हमे दीदार कराने में
तुम्हारा क्या जाता है।
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