************************
* जीयो और जीने दो । *
* अहिंसा परमो धर्म: ॥ *
************************
दया करुणा रहम अहिंसा ।
क्षमा मानव-प्राणी प्रेम त्याग का संदेश ॥
गौतमबुद्द-महावीर-गांधी ।
ईसा अल्लाह नानक के नाम की आंधी ॥
हर पैगम्बर हर मजहब का यह एक फरमान ।
भूलगया आज इन्हें इंसान ॥
जाता मन्दिर मस्जिद चर्च गुरद्वारे और दिवान ।
दिल में नफरत इर्षा और धर्म का तूफ़ान ॥
सुमरिणी फेरत दिन गुजारे।
राम रहीम जिसस नानक को पुकारे ॥
पर्युषण पर मांगे क्षमा का दान ।
दिल में रखे लडाई का मैदान ॥
कैसा भ्रम पाला तुने हे हिन्दू सिख क्रिस्चन मुसलमान ।
तू समझे धर्म पर मिटना तेरी आन लड़ना तेरी शान ॥
पछता रहा उपरवाला बना के कलजुग का इंसान ।
अरे तुझे लड़ा रहे धर्म के ठेकेदार यह कलजुग के शैतान ॥
गौरी-गणेश पर्युषण पर्व और महिना पाक रमजान ।
आ आज प्रण करके करुणा अहिंषा का दे इन्हें सम्मान ॥
Monday, September 1, 2008
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
1 comment:
कैसा भ्रम पाला तुने हे हिन्दू सिख क्रिस्चन मुसलमान ।
तू समझे धर्म पर मिटना तेरी आन लड़ना तेरी शान ॥
पछता रहा उपरवाला बना के कलजुग का इंसान ।
अरे तुझे लड़ा रहे धर्म के ठेकेदार यह कलजुग के शैतान ||
बहोत ख़ुब मित्तल साहब। बधाइ।
Post a Comment