मैं पल दो पल का शायर हूँ
पल दो पल की जिंदगानी है
आज जन्मदिन की बधाई देनी
और तुम से खुशी की मिठाई खानी है
यह हसीं गुलाब सा चेहरा रोशन रहे
इस आसमा पर जब तक सूरज चाँद रहे
यह पहाडों का देवता अडिग रहे
किसी भूचाल तूफान से ना डरे
इस जिन्दगी का मकसद
रहम करुना दया और माफ़ करना
आज एक अहद करो
इन मकसदों को नये प्रभात में लागू करना
Monday, September 1, 2008
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