आज हिमाले की चोटी से
फिर किसी ने पुकारा है ।
आतंकवाद के साये में धूर्त जलते
आतंकवाद के साये में धूर्त जलते
पडोसी ने ललकारा है ॥
पूरा भारत घूम, सिमी मुजाहिद्दीन,
पूरा भारत घूम, सिमी मुजाहिद्दीन,
हिन्दोस्तान में फिर धमका गया ।
भारत के सपूतों ने आईएसआई की
भारत के सपूतों ने आईएसआई की
इस चुनौती को स्वीकारा किया ॥
आतंक के सौदागरों को
आतंक के सौदागरों को
चेतावनी का संदेश भिजवाया है ।
बम फोड ले सडक खोल ले
बम फोड ले सडक खोल ले
हिंद-कश्मीर हमारा है ॥
कितने ही सालों से जालिम तुने
कितने ही सालों से जालिम तुने
मासूमों पर कहर बरपाया है ।
हम ने मुहतोड़ जवाब दिया
हम ने मुहतोड़ जवाब दिया
और हर जगह तुझे हराया है ॥
खेमकरण और कारगिल के संग्राम
खेमकरण और कारगिल के संग्राम
की पिटाई तू क्या भूल गया ।
जम्मू हो या सूरत, हैदराबाद हो या
जम्मू हो या सूरत, हैदराबाद हो या
बनारस चाहे संसद तेरी मौत भूल गया ॥
शायद खावायिश लालकिले पे चाय पीने की
शायद खावायिश लालकिले पे चाय पीने की
अभी भुला नहीं तू ।
शास्त्री के जय जवान की मार
शास्त्री के जय जवान की मार
को आज भी याद कर तू ॥
राम कृष्ण गौतम गाँधी तिलक जवाहर
राम कृष्ण गौतम गाँधी तिलक जवाहर
के हम वंशज हैं जान ले ।
सर पे कफ़न माथे पे तिलक,
सर पे कफ़न माथे पे तिलक,
कमर कसे है मोदी की सेना मानले ॥
हमने विश्व को मानवता का सन्देश दिया ।
पंचशील और सद्भावना को माना और जिया ॥
मजहबों से परे जा हर कौम को आदर दिया ।
इस देश में हर मजहब ने प्यार अमन को जिया ॥
हमने विश्व से आतंक
हमने विश्व को मानवता का सन्देश दिया ।
पंचशील और सद्भावना को माना और जिया ॥
मजहबों से परे जा हर कौम को आदर दिया ।
इस देश में हर मजहब ने प्यार अमन को जिया ॥
हमने विश्व से आतंक
ख़त्म करने का अहद लिया ।
बंगबंधुओं से, अफगानों से,
बंगबंधुओं से, अफगानों से,
पूछ हमने क्या क्या नहीं किया ॥
हमें लाहौर शांती की रेल भेजना आता है ।
तू छुरा घोंपे तो कारगिल
हमें लाहौर शांती की रेल भेजना आता है ।
तू छुरा घोंपे तो कारगिल
भी करना आता है ॥
मुल्क में जमुरियत फिर से दस्तक दे रही है ।
बेनजीर को लुटा के इंसानियत भी रो रही है ॥
सात समुन्द्र दूर बैठा
मुल्क में जमुरियत फिर से दस्तक दे रही है ।
बेनजीर को लुटा के इंसानियत भी रो रही है ॥
सात समुन्द्र दूर बैठा
तेरा आका आज तुझे जान गया ।
हम कुछ भी ना करें
हम कुछ भी ना करें
दुनिया का थानेदार
तो डंडा तान चुका ॥
कुरान-हदीस के पाक फतवों को भुला तू
कुरान-हदीस के पाक फतवों को भुला तू
कुफ्र की वकालत कर रहा है ।
अपनों को भड़का के तू उन्हें क्यों
अपनों को भड़का के तू उन्हें क्यों
नापाक नाकाम बदनाम कर रहा है ॥
दुनिया कहाँ से कहाँ तरक्की
दुनिया कहाँ से कहाँ तरक्की
कर गयी तू भी इसे जान ले ।
झूट बोलना आतंक बोना-
झूट बोलना आतंक बोना-
लाशे काटना गलत है मान ले ॥
2025 के पाक महिने में सिजदा कर
2025 के पाक महिने में सिजदा कर
कुफ्र से तौबा मांग ले ।
छोड़ दे यह ओछी हरकते विनाश की,
छोड़ दे यह ओछी हरकते विनाश की,
तरक्की की डगर थाम ले ॥
मत ले इम्तहान नहीं तो तू पछतायेगा ।
कसम से हम उठ गए तो कौन बचायेगा ॥
भारत वासियों मत घबराना
मत ले इम्तहान नहीं तो तू पछतायेगा ।
कसम से हम उठ गए तो कौन बचायेगा ॥
भारत वासियों मत घबराना
सब तुम्हारे साथ है ।
हम एकता, सावधानी, कठोरता,
हम एकता, सावधानी, कठोरता,
निरभ्यता, सद्भाव है ॥
हिम्मत रखना मत घबराना
हिम्मत रखना मत घबराना
आतंकियों को सबक सिखाना है ।
बाबा बर्फानी के दर्शनों को जाना है
बाबा बर्फानी के दर्शनों को जाना है
आशीर्वाद पाना है
जनगनमन, सत्यमेव जयते और
जनगनमन, सत्यमेव जयते और
वन्देमातरम गाना है ॥