Wednesday, November 13, 2024

पुष्पांजलि रजत समारोह पर कुछ यादें

भावना का समुद्र बिना किनारे के होता है।

 डुबोता सबको, मदहोश कर देता है। 

साथ देती हवाएं 

उठती लहर मन को प्रफुल्ल कर जाएं

ऐसा ही समय 25 साल पहले आया

' प्रेम' ने जलवा दिखाया

जन्म हुआ पुष्पांजलि का

सब ने मधुर गीत गाया 


एक करने का जलवा 

' महावीर', ' रामावतार' में समाया 

' पवन'  ' महेश' 'शिवकुमार' भाई

राम भरत लखन की याद आई


' सनत' और  सनत नंदन 'अरुण' 

' रमेश', 'नरेश', 'कर्ण' का वंदन


' अमिताभ', 'ओम', 'गोपी' भी संग

'मित्तल' ने लगा दिया रंग


पुष्पांजलि उपवन का निर्माण 

बन गया मैसूर की शान


भांति भांति के पुष्प 

भव्य निराले महकते दिलवाले


होली रंग बिरंगी 

दिवाली चिरागों से भरी

बीमारों, अनाथों की परवाह करी

राजस्थान का म्हारो प्यारो किया


कृष्ण सुदामा रुक्मणि को 

भागवत में स्मरण किया।

शिवरात्रि पर शिव पार्वती ध्याये

सावन में झूलों का शृंगार किया

डांडिया तो याद बन गया।।


गायों को चारा, 

पक्षी को आहार दिया।

भूखों को अन्न

प्यासे को जल

ठिठुरते को कम्बल

विद्यार्थी को संबल

खेलों को प्रोत्साहन दिया

हर सुख, दुख में

करोना जैसी महामारी में

पूर्ण सहयोग साथ दिया


यादों में झिलमिल चमकते सितारे

कितने ही आए, छोड़ गए, सिधारे


रजत जयंती पर सभी याद आए

विकास और नवीन ने चार चांद लगाए


यह नितांत सत्य है

पुष्पांजलि अमर, शाश्वत है।


स्वर्ण जयंती पर हम कितने ही न रहेंगे

आसमान से निहारेंगे, दुआ करेंगे।

डा श्रीकृष्ण मित्तल

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