लक्ष्य प्राप्ति
ना मै गिरा और
ना मेरी उम्मीदो के मीनार गिरे
पर कुछ लोग
मुझे गिराने मे कई बार गिरे
कुछ ललचाने में
कुछ डराने में
कुछ भटकाने में
कुछ ऊपर पहुंचाने में
लोग रहे छिटकाने में
पर
मेरी नजर रही निशाने पे
मैं रुका नहीं
मैं झिझका नही
मेरा ध्यान भटका नही
वोह गौण हो गए
नजरों से ओझल रहे
मैं लक्ष्य पर पहुंच गया
कारवां गुजर गया
वोह गुबार देखते रहे।
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