जीवन का सार
मेरे तो जीवन का यही सार है।
टकराया तुफानो से
पहाड़ किये पार हैं।।
डरा नही शैतानो से,
हारा नही मुसीबतों से,
सीख ली नाकामयाबियों से,
तकदीर लिखी अपने कर्मो से,
खुद, खुदा और खुदाई पर भरोसा,
मित्रों से सर्वदा पाया प्यार है।।
कभी लगा शिखर आ गया
कभी निराशा के समुंदर में डूब गया
कभी अर्श पर
कभी फर्श पर
कभी जिंदगी की खुशी मनाते हुए
कभी पाया मौत के मुख में समाते हुए
कभी सफलता के जोश में
कभी असफल टूटा, गिरा
लेकिन आत्म शक्ति और प्रभु पर भरोसा
हर दुख, गम को उड़ाता चला
जिंदगी को जीता,
गमों में भी मुस्कुराता चला गया।
आज मुकाम यानी के एक सुखद पड़ाव
नही रुकूंगा
नही डरूंगा
नही घबराऊंगा
नही इतराऊंगा
हर सफलता प्रभु अर्पण
हर हार को
एक सबक की तरह अपनाऊंगा
मेरे तो जीवन का यही सार है।
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