बजा नगाड़ा रे पगले,
हिन्दूस्तानी सोया है ।
बता उसे विदेशी षड्यंत्र
जिसका छाया खतरा है।।
देश का इतिहास राजद्रोहियो से भरा
विभीषण जयचन्द जैसी मिसालों से सना।।
आओ जांचें कुछ पूर्व की घटनाओं को
देश की शर्मनाक गुलामी की सच्चाई को।।
मोहम्मद गजनवी को 17बार भगाया था।
18वींबार ऐक अपने ने सोमनाथ दिखाया था।।
पृथ्वीराज के आड़े जयचन्द ही आया था।
जिसके कारण गुलामी का बादल छाया था।।
मुगलों का इतिहास इन कायोरों से हरा भरा।
नहीं तो किस में शक्ति थी जी देता हमे हरा।।
वीर शिवाजी की शमशीरें,जयसिंह ने ही रोकी थीं ।
पृथ्वीराज की पीठ में बरछी,जयचंदों नें भोंकी थी ।।
हल्दीघाटी में बहा लहू,शर्मिंदा करता पानी को ।
राणा प्रताप सिर काट काट,करता था भेंट भवानी को।।
राणा रण में उन्मत्त हुआ,अकबर की ओर चला चढ़ के
तब मान सिंह आया बढ़ के के प्राण बचाने को ।।
इक राजपूत के कारण ही तब वंश मुगलिया जिंदा था
इक हिन्दू की गद्दारी से चित्तौड़ हुआ शर्मिंदा था ।।
जब रणभेरी थी दक्खिन में और मृत्यु फिरे मतवाली सी
और वीर शिवा की तलवारें भरती थीं खप्पर काली सी।।
किस म्लेच्छ में रहा जोर जो छत्रपती को झुका पाया
ये जयसिंह का ही रहा द्रोह जो वीर शिवा को पकड़ लाया।।
गैरों को हम क्योंकर कोसें, अपने ही विष बोते हैं।
कुत्तों की गद्दारी से, मृगराज पराजित होते हैं
बापू जी के मौन से हमने भगत सिंह को खोया है।।
आज पुन: देश काले बादलों से भरा है।
गजवा ए हिन्द का सामने खड़ा खतरा है।।
370, सी ऐ ऐ का बे दिमागी विरोध हो रहा
जिसका कोई अर्थ नहीं उसमें देश जल रहा।।
इनका विरोध हिन्दू विरोधी सत्ता लोलूप कर रहे।।
देश के पुन: विभाजन के सपने यह संजो रहे।।
हमे क्या पड़ी? अकेला मोदी लड़ रहा
अगर यह ढीला पड़ा तो देश तो गिर पड़ा।।
आज जरूरत उस नगाड़े की जो देश को उठा सके।
देश की अस्मिता, समृद्धि, को गजवा ए हिन्द से बचा सके।।
बजा नगाड़ा रे पगले, हिन्दूस्तानी सोया है ।
बता उसे विदेशी षड्यंत्र जिसका खतरा है।।