Saturday, January 27, 2024

बिहार का परिवर्तन 2024

 दे दी पटकनी लालू तेजस्वी, राहुल को 

तुने बिना खडग बिना ढाल। 

 पटना के रन बांकुरे तुमने कर दिया कमाल।। 

 कल तक नितीश- मोदी झेलते थे हमले बार बार। 

 राज में ना बिजली, ना रक्षा, जनता में हाहाकार ।। 


जयप्रकाश के पठे बिहार में जन्मे दो सितारे। 

 नितीश इस धरती के तारे।। 


 सामने थी बेकारी, अन्धकार, और सूखा बाढ़ गरीबी लाचारी । 

 साथ थी हिम्मत, हौसला, संगठन शक्ति और दयानतदारी ।। 


  पहीले अंधकार विरासत में मिला था । 

 सामने समश्याओं का लम्बा सिलसिला था।। 

 लड़ते लड़ते निकल गये सरदारों के सरदार । 

 हिम्मत ना हार के आगयी परिक्षा जनता के दरबार ।।


 परीक्षक केद्र सरकार के 2010 

फिर 2015 का सुशासन राज । 

 2024 में पुन: जनता के दरबार में आवाज़।। 


 कहीं राहुल कहीं लल्लू ।। 

 कुरुक्षेत्र सज चूका।

बिहार चुनाव धधक चूका।। 


 फिर इंडी महागठबंधन बन गया।


 ऐनडीए के सामने इंडी रावण सेना सा डट गया।। 

 ओबेस्सी जैसे देश तोड़क भी आ गए।

 कितने ही बिहार के स्वंभू मालिक बन गए।। 


 हमले होंगे, तीर चलेगै आरोप लगेगै। 

 अपने पराये हुए, दिल में खंजर से लगेगै।।

 जनता पर विश्वास ,कर्म पर भरोसा। 

 साथ कमल सा कोमल और तीर कठोर सा।। 

 साथ में विजय, सम्राट और मांझी के हम होंगे।। 

 पासवान ऊपर चले गए चिराग साथ आयेंगे।। 


 भिड़ गये बोल हर हर महादेव अल्लाह हो अकबर ।। 


 सामने तेजस्वी, लालू राउल, सोनिया। 

 ना जाने कितने एक से एक बढ़ कर। 


 काम जीतेगा, विश्वाश बढ़ जायेगा । 

 मोदी जी का जादू चल गया।

 डबल इंजन, डबल युवराज पर चढ़ गया। 


 सुशासन बाबू का तीर निशाने पर लग गया।।

 भाजपा का कमल, तीर कमान के संग 

पूरे बिहार में खिल गया।। 


 आओ करें सम्मान इस जीत का। 

 जो करेगी विकास 

बिहार का, बिहारी का।। 


 रन बाकुरो जीत को संभालना साथ निभाना।

 कमल खिला रहे, तीर पैना रहे । 

 जनता की आस को निभाना।। 


 प्रस्तुतकर्ता डा श्रीकृष्ण मित्तल


Sunday, January 14, 2024

सड़कें, खेतों से लम्बी हो गई ।

ड़कें,

खेतों से लम्बी हो गई ।

जिन्हें लौटना था साँझ ढले
वो बहुत दूर निकल चुके।।

दिन में घर से आती रोटी छाछ
सपना बन चुके।।

कितने ही जिन बैलों को
लोटना था, वो कट चुके।।

ट्रेक्टर अब आम हो गए
सड़कों पर दिख रहे।

किसान मजदूर बन गए,
खेत फार्म बन चुके।।

सड़क
अब दिलों में भी बन गई
संबंध करवट बदल रहे।।

परिवार टूट रहे
नित्य प्रति तलाक हो रहे
रोज पाँच मील
पगडंडी पर चलने वाले
आज ट्रेक्टर मे डीजल की
इंतजार मे

क्योंकि सड़क बन गई

डा श्रीकृष्ण मित्तल

Sunday, January 7, 2024

यारों दीपावली मनाओ

 रंगोली सजाओ यारों,मेरा यार आया है

बड़ा मनचला, रंगीला दिलदार आया है


यादों में उसके, सपने संजोए

न जाने क्यों मन घबराया है

दिल तो प्रियतम से मिलने को आतुर

मचलती नदी सा लहरता पाया है।


न जाने कितने अरमान

संजोए थे, इन आंखों में

कितनी ख्वाइश कितने सपने

छिपे हैं उसके लबों में

उसकी चितवन में झांकने 

का आज मौका पाया है।


फूल लगते थे शोला उसकी यादों में

दीपावली मनाओ, यारों, मेरा राम आया है

डा श्रीकृष्ण मित्तल