Thursday, December 22, 2022

यह दुनिया बेगानी

यह दुनिया बेगानी 

 बेरंगी बेमानी 

मतलबियों से भरी हुई 

बेवफाओं से सजी हुई 

बाप बड़ा ना भैया 

सबसे बड़ा रुपिया 

बनावटी बदन,

लीपे पुते दर्शन 

मुखोटों से ढके

मिश्री से भरे 

सार रहित वचन 

फिर भी चाहत हसरत 

से भरपूर टूटता यह मन 


 








 












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