बेशक मेरा मन
अजनबियो का मेला होगा
पर एक गुलदस्ता है
हर भांति के फूल हैं इसमें
रंग बिरंगों का मेला है।
कुछ भगवान को
कुछ प्रिय इंसान को
कुछ बिदा होते
कुछ आगवानी करते
कुछ चिढ़ाते
कुछ मनाते
कुछ नूतन जुड़ते
कुछ रूसते बिदा होते
गुल तो खिलते
झड़ते मुरझाते
यही तो इस ग्रुप की पहिचान
क्योंकि यहां तो हर दम
हंसी खुशी प्यार की बेला है
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