Wednesday, December 28, 2022

गुलदस्ता

 बेशक मेरा मन

अजनबियो का मेला होगा

पर एक गुलदस्ता है

हर भांति के फूल हैं इसमें

रंग बिरंगों का मेला है।

कुछ भगवान को

कुछ प्रिय इंसान को

कुछ बिदा होते

कुछ आगवानी करते

कुछ चिढ़ाते

कुछ मनाते

कुछ नूतन जुड़ते

कुछ रूसते बिदा होते

गुल तो खिलते 

झड़ते मुरझाते

यही तो इस ग्रुप की पहिचान

क्योंकि यहां तो हर दम

हंसी खुशी प्यार की बेला है

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