Tuesday, November 28, 2017

एक जीवन वृतांत

जीवन के सुंदर 45 वर्ष कैसे व्यतीत हो गए।
लगती कल कि सी बात जब तुम हम बंध गए ।।

मम्मी-डेडी,
दादी-बाबा,
चाचा-चाची,
मांमा-मामी,
मौसा-मौसी
अनुज गौरीशंकर,अनिल, विमल,अजय और
बहिन लक्ष्मी खुशी में झूमते गए।।

सजा था लश्कर दिवानो का घोड़ी पर हम इठलाये|
यार दोस्त पीछे रहे नही नाचे गाये धूम मचाए ||

सामने अगवानी को बहूत खड़े थे|
सालीके हाथ में नीम की डाली
 सासू लिए आरते की थाली
 ना जाने कितने निहारते खड़े थे ||

एक हम थे जो पहन कर  हार तुम्हारा हम बिके थे |
सब के सामने गर्दन नीचे कर तुम्हारी छवि निहार रहे थे || 

फेरो की बेला आयी
कन्यादान की रस्म अदाई
फिर हुयी तुम्हारी भाव भीनी विदाई
और आँखे गीली करती,
सबको निहारती
मुझ पर विश्वास करती
तुम मेरे संग चली आई ||

27 नवम्बर 1972 का शुभ दिन भूलेगा नही।
जब तुम हम ही, नही दो परिवार एक होगये।।

गृहस्ती आगे बढ़ी हम दो से पांच हो गये ।
नितिन पूजा चेतन जैसे फूल खिल गए।

प्रवाह रुका नही
शीला,बेला, राकेश के बिना परिवार अधूरा,
मोहित, मिहिर,कोमल, गौरव,केशव,माधव
जैसे मनमोहक पौत्र,दोहित्रि,दौहित्र आज बड़े हो गए।।

मैं अत्ति भाग्यशाली देश के हर क्षेत्र में
आप जैसे शुभचिंतक मित्र मिल गए।।

Thursday, September 21, 2017

रोहिंगियो की जगह भारत में नही -

खुदाई खिदमतगार जंतर मन्तर पर आंसू बहा रहे                                                             जिन्हें त्रस्त बर्मा निकाल रहा, पाक,बांग्ला नही सम्भाल रहे ||
कोई सुने बर्मा की भी गुहार                                                                                         जिसने झेला, इन रोहिंगियों का दमन और अत्याचार ||
कहाँ गये मलेशिया इंडोनेशिया और श्याम 
वोह चीन, वोह दुबई, कतर अरब के मुसलमान ||
अहिंसक बौध - विराधू को, क्यों उठाने पड़े हथियार
सब जानते क्यों, भारत झेले रोहिन्गीया आतंक की मार ||
देखो बेशर्मी, सुप्रीम कोर्ट में पहुंचे इनके मददगार
जैसे इनका नही यह देश, और ना कोई सारोकार ||
अपने घर में ताले और बेशुमार चोकीदार
रोहिंगियों को देश में बसाओ इनकी पुकार ||
सुप्रीम कोर्ट को रात २ बजे खुलवाने वाले फिर जाग रहे
मानवतावाद की दुहाई दे सरकार को गरिया रहे||
भूल गए काश्मीरी पंडितों का दर्द
लाखों लाशों का वोह जलजला यह बेदर्द ||
४ करोड़ बांग्ला बस गये बंगाल में
कितने ही चूल्हे टूट चुके आसाम मिजोराम में ||
एक तरफ हम सीमा बंद कर रहे
नकली नोट, गौतस्करी, हथियारों का दंश झेल रहे ||
सुन ले यह मददगार, खुदाई खिदमतदार ,
इनके साथ में सुनले भारत की यशस्वी सरकार ||
काश्मीरी पंडितों को काश्मीर में बसाना होगा
४ करोड़ बांग्लादेशियों को भगाना होगा
ममता सरकार पर अंकुश लगा
रोहिंगियों को रास्ता दिखाना होगा
भारत किसी विधवा की जागीर नही
ना ही कातिलों का अड्डा - कब्रगाह
क्योंकि ..............................

जर्रे जर्रे में शामिल है हमारे लहू के कतरे
जी हाँ हिन्दोस्तां हमारा और हमारे बाप का ही है ...

Wednesday, August 23, 2017

तीन तलाक पर तबसरा


सायरा ,सबीना या मुमताज यही सोचती थी
ईंसाफ निराला ये देश के काजीे कैसे करेंगे
कठमुल्लों के फतवे फरमान हैं चरम पर
अंधे लालची हैवानों का मुख कैसे काला करेंगे
हलाले के ख्वाबो मे मौलवी था मतवाला
माल काटेंगे औरं मजलुमो संग मजे करेंगे
खुदाई खिदमतगारो का दिवाला, इसी दर्द ने निकाला कि
अब तलाक होगया गैरकानुनी, तो हलाला कैसे करेंगे
लव जिहाद के मतवाले होगये गारत
निकाह तो कर लेंगे, तलाक कैसे करेंगे

भला हो सुप्रीमकोर्ट का, 9करोड खातूनो ने दी दुआ
अब जिंदगी बेखोफ अमन चैन से जियेंगे
सदका राखी का जो बांध थीं मोदी की कलाई पे
हिफाजत का पूरा किया बिरादर ने वादा, जिंदगी भर याद रखेंगे
-डा: श्रीकृष्ण मित्तल

Thursday, August 3, 2017

बिहार में भरत मिलाप

दे दी पटकनी लालू राहुल को तुम दोनों ने बिना खडग बिना ढाल
पटना के रन बांकुरों नितीश मोदी, तुमने कर दिया कमाल

कल तक लालू यशस्वनी गुर्राते थे  बार बार
राज में ना थी बिजली ना रक्षा था  केवल भ्रष्टाचार 

नीतिश कोस रहे थे वोह घड़ी जब लालू से हाथ मिलाया था 
वोह समय जब आधी छोड़ पूरी को ललचाया था 

इधर लालू के गुर्गो ने अपना रूप दिखाया था
सुशासन बाबू की प्रतिष्ठा को कोठे पर बैठाया था 

चाणक्य निति ने फिर दो बिछड़ो को मिलाया 
जयप्रकाश जी के सूरज चाँद को साथ दिलाया 

नितीश ने दे मारा इस्तीफा तान के 
चंगुल से बाहर आ गए सीना तान के 

सरकार तो युगल जोड़ी ने चलानी थी 
कुछ घडियों के बिछोह की कष्ट भरी यादें मिटानी थी 

सामने थी बेकारी, अन्धकार,  और सूखा बाढ़ गरीबी लाचारी
साथ थी हिम्मत, हौसला, संगठन शक्ति और दयानतदारी

लालू जेसों का तूफ़ान और अंधकार विरासत में मिला था 
सामने समस्याओं का, बड़े बोलों का, लम्बा सिलसिला था

कुछ दिनों पूर्व का दृश्य याद करो साथियों 
२०१० के चुनावों का स्मरण करो भाइयों 
कहीं राम
कही राहुल
कहीं माया
कहीं लल्लू   
कुरुक्षेत्र सज चूका था
बिहार चुनाव धधक चूका था

हमले हुए, तीर चले आरोप लगे
अपने पराये हुए, दिल में खंजर से लगे

जनता पर विश्वास था कर्म पर था भरोसा
साथ कमल सा कोमल और तीर सा कठोर था

शरद, शिवानन्द, ठाकुर, रविशंकर
शाहनवाज, शुष्मा, लालजी से साथ कर

भीड़ गये बौल हर हर महादेव अल्लाह हो अकबर
सामने लालू राबड़ी, रामविलास, राहुल सोनिया  एक से एक बढ़ कर

काम जीत गया, विश्वाश बढ़ गया
नतीजे आज आये तो नशा सा चढ़ गया

एक दो नही  २०० भी पार होगये
सामने तो तीन चार बीस बाईस रह गये

रन बाकुरे नही संभल सके जीत को और  साथ निभाना
उस ही का परिणाम देख भुगत अपनी गलती को माना 

जनता की अरदास दोनों से लम्बा साथ निभाना 
कमल खिला रहे, तीर पैना रहे जनता की आस पुराना 

डॉ श्रीकृष्ण मित्तल  

Tuesday, June 13, 2017

मोदी चालीसा


श्री भारत चरण रज, निज मन मुकुर सुधार ।
वरणौ मोदी विमल जस, जो करता जग सुधार ।। 
बुद्धि हीन खुदको जान के, सुमरो गुर्जर कूमार। 
यश कीर्ति शांति देवोमुझे, हरो गरीबी आतंक अत्याचार ।।
           जय नरेन्द्र ग्यान गुन सागर | जय मोदी तिहुँ लोक उजागर ||
            राष्ट्रदूत अतुलित बलधामा | हीराबेन  पुत्र नरेन्दर नामा ||
तुम उपकार राष्ट्र पर कीन्हा | गुजरात  संवारि स्वर्ग सम कीन्हा ||
         माया, मुलायम थर थर काँपैं | काँग्रेस को चिंता व्यापै ||
             नासहि सपा मिटैं बसपाई | खिलै कमल फूलैं भजपाई ||
               साधु संत के तुम रखबारे | असुर निकंदन राष्ट्रदुलारे ||
               संत रसायन तुम्हरे पासा | सदा रहहु भारत के दासा ||
भारत विश्वगुरु बन जावै | जब मोदी दिल्ली मैं आवै ||8
          चीन पाक दोउ निकट न आवै | जब मोदी को नाम सुनावै ||9
नासहिं दुष्ट और अपराधा | भ्रष्टाचार मिटावहिं बाधा ||10
         करहि विकास स्वर्ग सम सुंदर | बनहि राम को सुंदर मंदिर ||11
असुर निवारि सुरन्ह कौ थापैं | राहुल सोनिया कबहुँ न व्यापै ||12
   मोदी मंत्र एक सम जाना | करहि विकास राष्ट्र सनमाना ||13
 भारत राष्ट्र पराक्रमशाली | होहि सिद्ध यह शंशय नाही ||14
           जब तूम ने भृकुटि को ताना । नोटबंदी हुई लगी कतारें नाना।।15
           देश व्यापार तुमने विचारा  । जीएसटी मे घेरा सारा।।16
            तुमरो जस अमित ने गाया । राज पुरे भारत का पाया।17
           अरूण ने तुम्हे ध्याया        ।  धन रक्षा दोनो पाया।।18
           साधू संत ने तूम्हे पुकारा    | योगी को दिया युपी सारा।।19
          जिसने तुम्हे आंख दिखाई    । पाक जैसी समर गति पाई।।20
           जो यह पढे मोदी चालीसा । होय सिद्ध राजा जैसा।।
           यह सेवक सदा मोदी चेरा । किजे नाथ ह्रदय मे डेरा।।

दामोदर तनय भारत रत्न, मंगलमुर्ती रुप। 
देशरक्षा करण दुष्टदलन, ह्रदय बसो यही रूप।।

Tuesday, May 2, 2017

अरदास

याद आता 1970-72का जमाना।
जब खाते थे एक दस्तरखान पर खाना।
झुम्मन चाचा के कडक सेवियो वाले छोलै।
दिल्ली कालेज के यारो के संग होले होले।
ईद पर यारो के घरो मे मिलती थी ईद्दी ।
ना हिंदू ना मुस्लिम होती थी यह ईद्दि।
वो बल्लीमारान की मोटी जलेबी।
दौलत की चाट और बड साबुल्ला के मिया जी की कचोरी।
आज यह कुछ भी नही बचा।
ना सितारामबाजार की चाट ना झुम्मन चच्चा।
फिर भी मै अपने अतीत को याद रखता हुं। 
कुछ खट्टी कुछ मीठी यादे सपने की तरह देखता हूँ ||
जब आई एस आई हिज्जबुल आतंकवादी सुनता हुं ।
इन मे अपने आज और अतीत को टटोल रोता हूं |।
अरदास करता हू भगवान -अल्लाह क्राईस्ट नानक से।
मांगता हूँ पुराने दिन अमन शांति उन सबसे